आउटडोर में डॉक्टरों की ड्यूटी बढ़ी, सुबह से शाम तक अस्पतालों में हाजिर मिलेंगे डॉक्टर साहब
बीबीएन, नेटवर्क। प्रदेश की नई सरकार ने चिकित्सा सुविधाओं के संबंध में बड़ा फैसला लिया है। अब तक सरकारी अस्पतालों में मरीजों के देखने के लिए आउटडोर में डॉक्टर दोपहर 3 बजे तक उपस्थित रहते थे लेकिन अब उन्हें शाम 6 बजे तक उपस्थित रहना होगा। राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी अस्पतालों में डॉक्टरों, चिकित्सा अधिकारियों* और नर्सिंग स्टाफ को सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक उपस्थित रहने के आदेश जारी किए हैं। दोपहर डेढ़ बजे से दो बजे तक लंच टाइम होगा। इसके अतिरिक्त पूरे समय मरीजों को परामर्श, जांच और उपचार करना होगा। सरकार के इस फैसले से आम जनता को बड़ी राहत मिलेगी।
अब ड्यूटी शाम 6 बजे तक
सरकारी जिला, उप जिला अस्पतालों, पीएचसी और सीएचसी में अब तक गर्मियों में और सर्दियों में मरीज देखने का अलग अलग समय निर्धारित था। सर्दियों में सुबह सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक और गर्मियों में सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक ड्यूटी होती थी। आउटडोर में डॉक्टर केवल 6 घंटे ही मौजूद रहते थे। मरीजों की जांचें भी अमूमन इसी समय होती थी। जांच रिपोर्ट डॉक्टर को दिखाने के लिए मरीजों को अगले दिन का इंतजार करना पड़ता था लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। डॉक्टरों की ड्यूटी शाम 6 बजे तक होने पर मरीज शाम तक अपनी जांच रिपोर्ट डॉक्टर को दिखाकर दवा लिखा सकेंगे।
संशोधित आदेश जारी
गुरुवार 25 जनवरी को जारी आदेश को लेकर डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के साथ आमजन में काफी कनफ्यूज था। इस आदेश में कार्यालय में उपस्थित रहने का जिक्र था। आमजन यह सोच रहे थे कि अस्पतालों में मरीजों को देखने का समय बदल गया है जबकि डॉक्टरों का कहना था कि यह आदेश केवल कार्यालयों में तैनात अधिकारियों, डॉक्टरों और नर्सिंगकर्मियों के लिए है। अब भ्रम की इस स्थिति को दूर करते हुए शनिवार 27 जनवरी को संसोधित आदेश में स्पष्टीकरण जारी किया। नए आदेश के मुताबिक प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों, उप जिला अस्पतालों, सैटेलाइट हॉस्पिटल, पीएचसी (प्राथमिक स्वास्थ केंद्र) और सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) में तैनात डॉक्टरों, चिकित्सा अधिकारियों, नर्सिंग स्टाफ और अन्य कर्मचारियों को सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक ड्यूटी पर रहना होगा। ध्यान रहे ये आदेश मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों के लिए नहीं है।
बायोमेट्रिक अटेंडेंस अनिवार्य
राज्य सरकार ने अस्पतालों में बायोमेट्रिक अटेंडेंस अनिवार्य कर दी गई है। चिकित्सा अधिकारियों, डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ को अस्पताल पहुंचते ही बायोमेट्रिक हाजरी लगानी होगी। बायोमेट्रिक अटेंडेंस के साथ अस्पताल के रजिस्टर में भी अपनी उपस्थिति और समय दर्ज करना होगा। साथ ही अस्पताल छोड़ने का समय भी आवागमन पंजिका में इंद्राज करना होगा। सक्षम अधिकारी की स्वीकृति के बिना कोई भी स्टाफ अगर गैरहाजिर रहा तो उनके खिलाफ रहा तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।