अब अस्पतालों में होगी 24x7 देखरेख की गारंटी, PWD की चौकी हर जगह होगी तैनात

बीबीएन, नेटवर्क। सूबे की सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर की अगुवाई में अब राज्य के मेडिकल कॉलेजों से जुड़े अस्पतालों में मरीजों की सुरक्षा और अस्पताल भवनों के रखरखाव को लेकर नई एसओपी जारी की गई है। इसका असर सीधे-सीधे आम मरीजों की सुविधाओं पर पड़ेगा।
क्या है नई व्यवस्था?
हर अस्पताल में अब सार्वजनिक निर्माण विभाग यानी PWD की चौकी होगी। यहां 24 घंटे प्लंबर और इलेक्ट्रीशियन मौजूद रहेंगे, जबकि दिन में कारपेंटर और वेल्डर भी तैनात रहेंगे। यानी टपकती छत से लेकर खराब पंखे तक—हर समस्या का तुरंत समाधान होगा।
रखरखाव के लिए फंड भी तय
अब अस्पताल भवन की लागत की 2% राशि हर साल रखरखाव के लिए आरक्षित की जाएगी। इसका भुगतान सीधे राजस्थान मेडिकल रिलीफ सोसाइटी के जरिए होगा। 2025-26 के लिए ये लागत 28 हजार रुपये प्रति वर्गमीटर के हिसाब से तय की गई है।
शिकायत सिर्फ एक कॉल या ऐप दूर
रखरखाव में शिकायतों के लिए हेल्पलाइन, वेबसाइट और मोबाइल ऐप का सिस्टम होगा। शिकायत का समाधान तभी मान्य होगा जब उसे अस्पताल का चिकित्सा अधिकारी सत्यापित करे। इसके बाद ही भुगतान किया जाएगा।
मेंटीनेंस फेल तो अधिकारी ज़िम्मेदार
राज्य सरकार ने साफ कर दिया है—मेंटीनेंस में लापरवाही किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। किसी भी चूक की सूरत में अस्पताल अधीक्षक, लेखा अधिकारी और संबंधित अभियंता पर तत्काल अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।
8 मई से 30 मई तक होगा मेगा मेंटीनेंस मिशन
PWD द्वारा हर अस्पताल का वार्षिक सर्वे होगा और भवन फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा। रिसाव, जर्जर छत, फ्यूज लाइट्स, टूटी टाइल्स—सबकुछ सुधारने का टाइमटेबल बन चुका है।