गांव की अदभुत प्रतिभा... पढ़े पूरी ख़बर
बीबीएन, नेटवर्क। सूबे का होनहार 21 साल का रवींद्र अपनी अनूठी प्रतिभा का धनी है। जैसलमेर के छोटे से धोलिया गांव का रहने वाला रवींद्र बिश्नोई ने आप अपने चार आविष्कारों को पेटेंट करवाकर अपने जिले का ही नहीं, बल्कि राजस्थान का भी नाम गौरवान्वित किया है। रवींद्र की अनूठी प्रतिभा को देखकर पीएम नरेंद्र मोदी भी उसकी तारीफ कर चुके हैं।
दसवीं में पहला आविष्कार
जैसलमेर के धोलिया गांव का रहने वाला रवींद्र पुत्र शिवरतन विश्नोई अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुका है। रवींद्र के पिता सेना में कार्यरत है। रवींद्र शुरू से ही विज्ञान विषय में काफी होनहार रहा। उसने अपने स्कूली दिनों में भी साइंस के मॉडल प्रतियोगिताओं में काफी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। इस दौरान उसने कई मॉडल भी बनाए। उसने पहला आविष्कार दसवीं कक्षा में पढ़ते हुए ही कर लिया। इसके बाद उसका यह शौक बढ़ता ही रहा।
काई से बना दी ऑक्सीजन
रवींद्र विश्नोई ने काई से ऑक्सीजन निकालने के लिए एक प्रयोग किया। उसे यह आइडिया मछली के जीवन से आया। आमतौर पर तालाबों में हरे रंग की काई जम जाती है। लेकिन वास्तविकता में वह ऑक्सीजन देने का काम करती है। इसके लिए रवींद्र ने एक मशीन बनाई। जिसके माध्यम से उसने काई से ऑक्सीजन बनाई। जिसका पेटेंट उसने सबसे पहले दिसंबर 2021 में करवाया।
रविन्द्र ने हॉर्न जैमर बनाया
रवींद्र की दूसरी उपलब्धि अप्रैल 2022 में पेटेंट हुई। जिसमें उसने हॉर्न जैमर बनाया। मोबाइल जैमर की तर्ज पर उसने हॉर्न जैमर को बनाया। इतना ही नहीं रवींद्र के इस पेटेंट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सराहा था। इस दौरान अटल इनोवेशन मिशन के तहत नेशनल टेक्नोलॉजी डे पर दिल्ली के प्रगति मैदान में कार्यशाला में उसने आविष्कार को प्रदर्शित किया। जिसके बाद भारत सरकार ने उन्हें अपने आविष्कारों को बाजार में उतारने के लिए 1 करोड़ रूपए का ग्रांट भी दिया।
बाइक स्टैंड सेंसर का आविष्कार भी हुआ पेटेंट
रविन्द्र ने 2021 में "ऑटोमेटिक सपोर्ट स्टैंड एन्ड सिस्टम थीरियोफ" का अविष्कार कर पेटेंट फाइल किया था। आख़िरकार 24 जनवरी 2024 को भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय ने पेटेंट प्रमाण पत्र जारी किया। रवींद्र ने बताया कि 'ऑटोमेटिक सपोर्ट स्टैंड एन्ड सिस्टम थीरियोफ' इस प्रणाली का आविष्कार साइड स्टैंड को भूलने की एक आम लेकिन गंभीर समस्या को हल करने के लिए किया था। यह आविष्कार वांछित आउटपुट प्राप्त करने के लिए जोड़े में उन्नत इलेक्ट्रॉनिक और मैकेनिकल सेंसर का उपयोग करता है। जैसे ही सवार बाइक को दक्षिणावर्त दिशा में झुकाता है। सिस्टम उस गति का पता लगाता है और माइक्रोकंट्रोलर को सिग्नल भेजता है। जो मोटर को सक्रिय करता है। जो अंततः साइड स्टैंड को पीछे हटा देता है। जब सवार बाइक रोकता है, तो सवार को मैन्युअल रूप से स्टैंड लगाने की ज़रूरत नहीं होती है।