12 साल बाद भी जारी नहीं हुआ भंवरी का मृत्यु प्रमाण पत्र

12 साल बाद भी जारी नहीं हुआ भंवरी का मृत्यु प्रमाण पत्र

Slide background

WELCOME

YOUR SHOP NAME

SHOP TITLE

Slide background
Slide background
Slide background

WELCOME

YOUR SHOP NAME

SHOP TITLE

Share with
Views : 423
बीबीएन, नेटवर्क।  सूबे का चर्चित भंवरी देवी हत्याकांड प्रकरण एक बार 12 सालों बाद फ़िर  सुर्खियों में है।  एससीएसटी कोर्ट ने भंवरी के पुत्र साहिल की दो याचिकाएं ख़ारिज कर दी। ये  याचिकाएं भवरी देवी की मृत्यु प्रमाण और मूल सेवा पुस्तिका दिलाए जाने के लिए दाखिल की गई थी।
ये हैं पूरा मामला 
जानकारी के अनुसार विशेष अदालत में याचिकाएं पेश अनुसुचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण मामलात की विशेष अदालत में याचिकाएं पेश कर साहिल ने कहा कि राजस्थान उच्च न्यायालय ने विचारण न्यायालय को निर्देश दिया है कि न्यायालय संबंधित प्राधिकारी को मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने का आदेश दे तथा भंवरी के सर्विस की मूल सेवा पुस्तिका परिजनों को लौटाई जाए।
 इसका विरोध करते हुए सीबीआई के विशिष्ट लोक अभियोजक अशोक जोशी ने कहा कि याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट के आदेश का विवेचन सही रूप से नहीं किया है। विचारण न्यायालय को मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने का निर्देश देने का क्षेत्राधिकार ही नहीं है। विशेष न्यायाधीश (एससीएसटी कोर्ट)प्रीति मुकेश परनामी ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि हाईकोर्ट ने इस प्रकार के निर्देश जारी नहीं किए हैं। मूल सेवा पुस्तिका मृतक के परिजन को नहीं दी जा सकती है।
error: कॉपी नहीं होगा भाई खबर लिखना सिख ले