सेना की छवि और सुरक्षा पर खतरा: फर्जी स्टाम्प बनाने वाला तस्कर गिरफ्तार

बीबीएन, नेटवर्क, 17 जून। देश की सामरिक सुरक्षा से खिलवाड़ करने की एक बड़ी साजिश को नाकाम करते हुए मिलिट्री इंटेलिजेंस ने एक शातिर स्टाम्प तस्कर को गिरफ्तार किया है। आरोपी भारतीय सेना और अर्धसैनिक बलों समेत कई सरकारी संस्थानों की फर्जी मुहरें तैयार कर रहा था। गिरफ्तारी दानापुर कैंट क्षेत्र के भारत पेट्रोल पंप के पास एक गुप्त सूचना के आधार पर की गई। आरोपी की पहचान 67 वर्षीय रवींद्र जीत वडेरा, निवासी चित्रकूट नगर, पटना के रूप में हुई है।
आर्मी स्टाम्प से लेकर सरकारी संस्थानों की सीलें तक बरामद
टीम को मौके से भारतीय सेना की 20 से अधिक अत्यंत संवेदनशील रबर स्टाम्प और 100 से ज्यादा अन्य फर्जी सरकारी-निजी संस्थानों की मुहरें बरामद हुई हैं। जांच में सामने आया है कि वडेरा बिना वैध अनुमति के ये स्टाम्प बनाकर बेचता था, जिनका इस्तेमाल फर्जी दस्तावेज तैयार करने, भर्ती प्रक्रियाओं में गड़बड़ी करने और संवेदनशील जानकारी को गलत तरीके से प्रमाणित करने में किया जा सकता था।
छह महीने से थी नजर, 'ऑपरेशन स्टाम्प' में हुई गिरफ्तारी
मिलिट्री इंटेलिजेंस के अधिकारियों के अनुसार, वडेरा बीते छह महीनों से एजेंसियों के रडार पर था। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद स्टाम्प की भूमिका को लेकर एजेंसियां और सतर्क हुईं और अंततः 'ऑपरेशन स्टाम्प' के तहत उसे धर दबोचा गया।
फॉरेंसिक जांच शुरू, नेटवर्क की तलाश में जुटी टीम
पुलिस ने मामले में राष्ट्रविरोधी साजिश के एंगल से जांच शुरू कर दी है। फॉरेंसिक लैब में जब्त स्टाम्प की जांच कराई जा रही है, वहीं सुरक्षा एजेंसियां इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में छापेमारी कर रही हैं। संबंधित विभागों और संस्थानों को अलर्ट भी जारी कर दिया गया है।
सेना की साख और देश की सुरक्षा पर था सीधा खतरा
जांच अधिकारियों का कहना है कि फर्जी मुहरों का इस्तेमाल संवेदनशील दस्तावेजों पर करके न सिर्फ सेना की साख को चोट पहुंचाई जा सकती थी, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन सकता था। समय रहते हुई कार्रवाई ने संभावित बड़े खतरे को टाल दिया है।
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