हल्दीराम हार्ट हॉस्पिटल में बीपी पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

बीबीएन,बीकानेर, 19 मई। पीबीएम अस्पताल परिसर स्थित हल्दीराम मूलचंद कार्डियोवस्कुलर साइंस एंड रिसर्च सेंटर में रविवार को विश्व रक्तचाप माह के अवसर पर जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य आमजन को हाई ब्लड प्रेशर की गंभीरता, इसके प्रभाव और बचाव के उपायों की जानकारी देना रहा।
उच्च रक्तचाप बन रहा जानलेवा खतरा
कार्यक्रम के संयोजक व विभागाध्यक्ष डॉ. पिंटू नाहटा ने बताया कि आज देश की लगभग 30 से 35 फीसदी आबादी हाई बीपी की चपेट में है। यह न सिर्फ हृदयघात और ब्रेन स्ट्रोक का मुख्य कारण बनता है, बल्कि आंखों की रोशनी और याददाश्त पर भी असर डालता है। उन्होंने कहा कि उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए तीन स्तरों पर कार्य किया जा रहा है—पहले स्तर पर लोगों की जांच, दूसरे में जीवनशैली में सुधार और तीसरे में नियमित दवा व परामर्श।
नमक कम, योग ज़रूरी
कार्यक्रम में बताया गया कि हाई बीपी से बचाव के लिए नमक का सेवन सीमित करना, जंक फूड से दूरी बनाना, ताजा फल-सब्जियों का सेवन और नियमित योग, प्राणायाम व मॉर्निंग वॉक को जीवन में शामिल करना बेहद जरूरी है। तनावमुक्त जीवनशैली को भी रोग नियंत्रण का अहम हिस्सा बताया गया।
बीपी दवा न छोड़ें, न बनें खुद के डॉक्टर
डॉ. दिनेश चौधरी ने लोगों को चेताया कि हाई बीपी ‘साइलेंट किलर’ की तरह होता है, जिसके लक्षण शुरू में नजर नहीं आते। इसलिए बिना डॉक्टर की सलाह दवा बंद करना जानलेवा हो सकता है। उन्होंने कहा कि नियमित जांच और दवा से कई जिंदगियां बच सकती हैं।
सरकारी योजनाओं की भी दी जानकारी
हल्दीराम हार्ट हॉस्पिटल के प्रभारी डॉ. देवेंद्र अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत मरीजों को निःशुल्क जांच व दवाएं मिल रही हैं। ऐसे में कोई भी व्यक्ति जानकारी के अभाव या आर्थिक कारणों से इलाज से वंचित न रहे।
विशेषज्ञों की रही सहभागिता
कार्यक्रम में डॉ. सुनील बुढ़ानिया, डॉ. राम गोपाल कुमावत, डॉ. राजवीर बेनीवाल और डॉ. रतन लाल रांका ने भी विचार रखे। डाइटिशियन डॉ. मीनाक्षी जाखड़ ने हाई बीपी मरीजों के लिए संतुलित आहार योजना साझा की। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। उपस्थित जनों को बीपी जांच, दवा सेवन और संतुलित जीवनशैली अपनाने के लिए जागरूक किया गया।