ऑपरेशन 'सिंदूर’ में बीएसएफ की अहम भूमिका -उप महानिरीक्षक लूथरा

बीबीएन, बीकानेर, 31 मई । सीमा सुरक्षा बल (BSF) के क्षेत्रीय मुख्यालय, बीकानेर में शुक्रवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर अहम खुलासे किए गए। बीएसएफ के उप महानिरीक्षक अजय लूथरा ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने सख्त एक्शन लेते हुए 7-8 मई की रात को “ऑपरेशन सिंदूर” लॉन्च किया। इस ऑपरेशन में बीएसएफ ने दुश्मन को करारा जवाब देते हुए अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई।
उप महानिरीक्षक ने कहा कि 23 अप्रैल को हुए हमले में निर्दोषों को निशाना बनाया गया, जो कि पाकिस्तान की कायराना हरकत थी। इसके बाद बीएसएफ को पश्चिमी सीमा पर सतर्क कर दिया गया। ऑपरेशन के दौरान राजस्थान के सीमावर्ती जिलों जैसलमेर, बीकानेर और श्रीगंगानगर में ड्रोन की घुसपैठ की कई कोशिशें की गईं, जिन्हें बीएसएफ ने भारतीय सेना और एयरफोर्स के साथ मिलकर नाकाम कर दिया।
उन्होंने बताया कि सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी ने हालात की गंभीरता को भांपते हुए खुद पश्चिमी सीमा का दौरा किया। उनके साथ डी.के. बुरा (आईजी ऑपरेशन्स) और एम.एल. गर्ग (आईजी, जोधपुर फ्रंटियर) भी मौजूद थे। बीकानेर सेक्टर पहुंचकर उन्होंने जवानों से संवाद किया और तैयारियों का जायजा लिया।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बीएसएफ ने न सिर्फ हाई लेवल इंटेलिजेंस नेटवर्क को सक्रिय किया बल्कि सेना और एयरफोर्स के साथ तालमेल बनाकर दुश्मन की हर हरकत पर नजर रखी। सीनियर अफसरों ने सीमाओं पर मोर्चा संभाला और जवानों को रीयल टाइम में दिशा-निर्देश देते रहे। अजय लूथरा ने कहा कि 1971 के युद्ध में बीएसएफ ने जिस जांबाजी से पाकिस्तान को हराने में अहम भूमिका निभाई थी, उसी परंपरा को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भी आगे बढ़ाया गया। उन्होंने कहा, “हम देश की रक्षा में जान की परवाह नहीं करते, क्योंकि भारत की सरहदें हमारी आंखों की तरह कीमती हैं।” प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंत में उन्होंने जोर देकर कहा, “भारत की सरहद को कोई छू नहीं सकता, क्योंकि इसकी निगहबानी कर रही हैं हम सबकी आंखें। बीएसएफ हर हाल में देश की सुरक्षा के लिए समर्पित है।”