टीटी कॉलेज की बीएड-एमएड मान्यता रद्द, छात्रों का भविष्य अधर में

बीबीएन, बीकानेर,7 जून। बीकानेर स्थित टीटी कॉलेज की बीएड और एमएड पाठ्यक्रमों की मान्यता राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) द्वारा रद्द कर दी गई है। इसके पीछे प्रमुख कारण संस्थान में शैक्षणिक स्टाफ की नियमित नियुक्ति नहीं होना और नियामकीय मानकों की अनदेखी बताया जा रहा है। इससे न केवल वर्तमान में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं का भविष्य अधर में लटक गया है, बल्कि 2022 के बाद डिग्री प्राप्त कर चुके सैकड़ों युवाओं की वैधता पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।
छात्र बोले हमारी गलती क्या थी?
कॉलेज के बाहर जमा छात्रों में नाराज़गी और निराशा का माहौल देखा गया। बीएड अंतिम वर्ष की छात्रा पूजा डागर ने कहा, “हमने फीस दी, नियमित क्लासेज़ लीं, अब हमें बताया जा रहा है कि मान्यता ही नहीं है। हमारी गलती क्या है?” इसी तरह एमएड के छात्र रितेश शर्मा ने कहा, “सरकार को हमारी शिक्षा और करियर से खिलवाड़ का जवाब देना होगा। हमें बताएं, अब हम किसके पास जाएं?”
शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल
इस घटनाक्रम ने शिक्षा विभाग और विशेष रूप से निदेशालय माध्यमिक शिक्षा बीकानेर की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आरोप है कि शिक्षा निदेशक आशीष मोदी द्वारा कार्यालय में नियमित रूप से उपस्थिति न देना और निरीक्षण व मॉनिटरिंग में ढिलाई इस स्थिति के लिए जिम्मेदार हैं।
प्रदेश अध्यक्ष (अरस्तु), रामकृष्ण अग्रवाल ने कहा, “यह महज़ एक कॉलेज की बात नहीं है, यह प्रदेश के सैकड़ों छात्र-छात्राओं के भविष्य से जुड़ा मसला है। दोषियों की जवाबदेही तय की जाए और तत्काल प्रभाव से निलंबन हो।” उन्होंने शिक्षा मंत्री से भी तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है।
मंत्री से अपेक्षा, कार्रवाई की आस
शिक्षा मंत्री को इस पूरे मामले का संज्ञान लेकर तत्काल एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित करनी चाहिए। छात्रों की डिग्री की वैधता सुनिश्चित की जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जाए। अब सवाल उठता है कि जब नियामक एजेंसियां चेतावनी दे रही थीं, तब कार्रवाई क्यों नहीं हुई?