देश की पहली निजी कंपनी बनी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर, रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ा भारत

बीबीएन, नेटवर्क, 8 जून। भारत के रक्षा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की गई है। अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने 155 मिमी के एडवांस आर्टिलरी गोले का सफलतापूर्वक स्वदेशी निर्माण कर लिया है। यह पहली बार है जब किसी निजी भारतीय कंपनी ने इस प्रकार का गोला डिज़ाइन और डेवलप किया है। इसे आत्मनिर्भर भारत और 'मेक इन इंडिया' अभियान की दिशा में एक बड़ी कामयाबी माना जा रहा है।
इस गोले का निर्माण रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के पुणे स्थित आयुध अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (ARDE) के साथ साझेदारी में किया गया है। यह साझेदारी ‘डिज़ाइन कम प्रोडक्शन पार्टनर’ (DcPP) मॉडल के तहत की गई थी।
चार प्रकार के गोले पूरी तरह तैयार, उत्पादन को मिली मंजूरी
कंपनी के मुताबिक, चार अलग-अलग प्रकार के 155 मिमी गोले पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से विकसित किए गए हैं। इनका विकास कार्य पूरा हो चुका है और अब उत्पादन की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। देश की 10 अन्य कंपनियों को इस प्रक्रिया में शामिल किया गया है, जिससे स्वदेशी आपूर्ति श्रृंखला को मजबूती मिली है।
रक्षा मंत्रालय की चयन प्रक्रिया में अकेली निजी कंपनी
गौरतलब है कि इस परियोजना के लिए रक्षा मंत्रालय द्वारा एक प्रतिस्पर्धी चयन प्रक्रिया अपनाई गई थी, जिसमें रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर इकलौती निजी कंपनी रही। इसके साथ ही सार्वजनिक क्षेत्र की यंत्र इंडिया लिमिटेड भी भागीदार थी।
₹10,000 करोड़ के ऑर्डर की तैयारी, वैश्विक बाज़ार पर भी नजर
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने अगले 10 वर्षों में रक्षा मंत्रालय से ₹10,000 करोड़ के ऑर्डर प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा कंपनी वैश्विक बाजार में भी इस उत्पाद को निर्यात कर करीब ₹10,000 करोड़ की अतिरिक्त आमदनी की योजना बना रही है। यूरोपीय देशों में आर्टिलरी गोले की भारी मांग को देखते हुए कंपनी को बड़ी उम्मीदें हैं। उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार, यूरोपीय देशों में गोला-बारूद की रीस्टॉकिंग की आवश्यकता ₹4 लाख करोड़ तक हो सकती है।
सेना के खर्च में बढ़ोतरी का लाभ
KPMG की रिपोर्ट बताती है कि भारतीय सेना का गोला-बारूद पर वार्षिक खर्च 2023 में ₹7,000 करोड़ था, जो 2032 तक ₹12,000 करोड़ हो सकता है। ऐसे में रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की यह पहल इस बढ़ती मांग को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
रत्नागिरी में बन रहा देश का सबसे बड़ा निजी रक्षा कारखाना
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर महाराष्ट्र के रत्नागिरी ज़िले में 1,000 एकड़ में फैली ‘धीरूभाई अंबानी डिफेंस सिटी’ (DADC) स्थापित कर रही है। ₹5,000 करोड़ के निवेश से बन रहा यह ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट हर साल 2 लाख गोले, 10,000 टन विस्फोटक और 2,000 टन प्रोपेलेंट तैयार करेगा। यह परियोजना देश की सबसे बड़ी निजी रक्षा निर्माण इकाई मानी जा रही है।
जर्मनी की कंपनी से किया करार
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की सहायक कंपनी रिलायंस डिफेंस ने जर्मनी की प्रमुख हथियार निर्माता कंपनी Rheinmetall AG से रणनीतिक साझेदारी की है। इस सहयोग के तहत मध्यम और भारी कैलिबर के गोले के लिए विस्फोटक और प्रोपेलेंट की आपूर्ति की जाएगी। इससे रिलायंस की अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्थिति और मजबूत होगी।
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