गौरव सेनानियों के संग संवाद कार्यक्रम में बोले सैनिक कल्याण मंत्री, शौर्य पदक विजेताओं व वीरांगनाओं का हुआ सम्मान

बीबीएन,बीकानेर, 11 जून । सैनिक कल्याण मंत्री एवं उद्योग, वाणिज्य, आईटी, युवा मामलों और खेल विभाग के मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले सैनिकों का सम्मान सिर्फ सरकार नहीं, बल्कि पूरे समाज की भी सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि जो सैनिक अपना जीवन राष्ट्र सेवा को समर्पित करता है, उसके योगदान की अनदेखी नहीं होनी चाहिए।
वे बुधवार को बीकानेर के रविन्द्र रंगमंच पर आयोजित गौरव सेनानियों के संग संवाद कार्यक्रम में बोल रहे थे। राठौड़ ने कहा कि अब हर जिले से पूर्व सैनिकों की समस्याओं की मासिक रिपोर्ट ली जाएगी। उन्होंने कहा कि सैनिक जब सीमा पर तैनात होता है, तब उसके परिवार को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन उनकी समस्याओं पर उतनी गंभीरता से ध्यान नहीं दिया जाता। अब यह स्थिति बदलनी चाहिए।
सेना की ट्रेनिंग समाज के लिए भी उपयोगी
राठौड़ ने पूर्व सैनिकों से अपील की कि वे समाज से जुड़कर काम करें और सेना में मिली अनुशासन और सेवा भावना को समाज में आगे बढ़ाएं। इस अवसर पर उन्होंने शौर्य पदक प्राप्त पूर्व सैनिकों, वीरांगनाओं और उनके परिजनों को शॉल, साफा और श्रीफल देकर सम्मानित किया। उत्कृष्ट सेवा के लिए कई पूर्व सैनिकों को भी सम्मानित किया गया।
सैनिक कल्याण को लेकर किए गए प्रयास
कार्यक्रम में ब्रिगेडियर वीरेन्द्र ने कहा कि राज्य में पूर्व सैनिकों की सुविधा के लिए ब्यावर, खैरथल और फलौदी में तीन नए सैनिक कल्याण कार्यालय खोले गए हैं। साथ ही द्वितीय विश्व युद्ध में भाग लेने वाले नॉन-पेंशनर पूर्व सैनिकों व वीरांगनाओं की पेंशन 10 हजार से बढ़ाकर 15 हजार रुपये प्रतिमाह कर दी गई है। उन्होंने करगिल विजय दिवस की रजत जयंती, सशस्त्र बल संग्रहालय की स्थापना व वीरांगनाओं के सम्मान जैसे कार्यों की भी जानकारी दी।
विशिष्टजन रहे उपस्थित
कार्यक्रम में विश्वकर्मा बोर्ड अध्यक्ष रामगोपाल सुधार, एवीएम महावीर सिंह, कर्नल हेम सिंह शेखावत, कर्नल मनोहर सिंह, कर्नल जी.आर. बिश्नोई, कर्नल यश राठौड़ समेत बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक, वीरांगनाएं, शौर्य पदक विजेता, एनसीसी कैडेट और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन किशोर राजपुरोहित और ज्योति प्रकाश रंगा ने किया।