पोखरण में रुद्रास्त्र UAV का सफल परीक्षण, सेना की क्षमताओं में स्वदेशी बढ़त

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बीबीएन, नेटवर्क, 13 जून। भारतीय सेना ने आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए स्वदेशी हाइब्रिड VTOL (वर्टिकल टेक-ऑफ एंड लैंडिंग) UAV ‘रुद्रास्त्र’ के सफल परीक्षण किए हैं। यह UAV सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड (SDAL) द्वारा विकसित किया गया है और हाल ही में राजस्थान स्थित पोखरण फायरिंग रेंज में इसके ट्रायल पूरे किए गए।
11 जून को हुए परीक्षण के दौरान रुद्रास्त्र ने सेना की तकनीकी आवश्यकताओं के अनुरूप प्रदर्शन किया। UAV ने 170 किलोमीटर से अधिक की कुल उड़ान रेंज, 1.5 घंटे की एंड्योरेंस और 50 किलोमीटर की मिशन रेडियस पर स्थिर रियल-टाइम वीडियो लिंक प्रदान करने की क्षमता का सफल प्रदर्शन किया।
निगरानी, सटीक हमला और रणनीतिक लचीलापन
रुद्रास्त्र को विशेष रूप से सैन्य निगरानी, टारगेट इंगेजमेंट और सामरिक गश्त जैसे अभियानों के लिए तैयार किया गया है। VTOL तकनीक के कारण यह UAV सीमित स्थानों पर भी उड़ान भरने और उतरने में सक्षम है, जो दुर्गम या सीमावर्ती इलाकों में इसकी उपयोगिता को कई गुना बढ़ा देता है।
रणनीतिक स्वदेशीकरण की दिशा में एक संकेत
भारतीय सशस्त्र बल लंबे समय से विभिन्न विदेशी निर्माताओं के UAVs पर निर्भर रहे हैं। रुद्रास्त्र का विकास और सफल परीक्षण रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण की नीति  ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ को ठोस आधार प्रदान करता है। इस UAV के सफल परीक्षण यह संकेत देते हैं कि भारत अब केवल आयातक नहीं, बल्कि उच्च तकनीक रक्षा समाधानों का निर्माता भी बनता जा रहा है।
तैनाती की दिशा में अगला कदम
भारतीय सेना द्वारा किए गए इन ट्रायल्स को अंतिम प्रक्रिया के रूप में देखा जा रहा है। आवश्यक प्रक्रियाओं के पूर्ण होने के बाद रुद्रास्त्र को औपचारिक रूप से सेना में शामिल किए जाने की संभावना है।



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