Mk1 विदेशी इंजन से, Mk2 पूरी तरह स्वदेशी और 6th जेनरेशन तकनीक से लैस होगा

बीबीएन, नेटवर्क, 9 जून। भारत अब लड़ाकू विमान तकनीक में बड़ी छलांग लगाने की तैयारी में है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) मिलकर एक नया स्टेल्थ फाइटर जेट तैयार कर रहे हैं, जिसे एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) कहा जा रहा है। यह विमान न सिर्फ पांचवीं पीढ़ी का होगा, बल्कि भविष्य में छठी पीढ़ी की तकनीकों से भी लैस होगा।
इस प्रोजेक्ट को दो चरणों में पूरा किया जाएगा। पहले चरण में आने वाला AMCA Mk1 विमान आयातित GE F414 इंजन के साथ आएगा और इसमें आधुनिक स्टेल्थ तकनीक, मल्टीरोल क्षमता और हाई-स्पीड परफॉर्मेंस जैसी खूबियां होंगी। इसकी शुरुआत दो स्क्वाड्रन (36 विमान) से की जाएगी।
भारतीय वायुसेना के पास इस वक्त लगभग 30 स्क्वाड्रन हैं, जबकि जरूरत 42.5 स्क्वाड्रनों की है। ऐसे में AMCA Mk1 के आने से वायुसेना की ताकत में बड़ा इजाफा होगा। यह विमान राफेल और सुखोई जैसे मौजूदा 4.5 जेनरेशन विमानों की तुलना में ज्यादा उन्नत होगा।
दूसरे चरण में आने वाला AMCA Mk2 पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर आधारित होगा। इसे GTRE (गैस टरबाइन रिसर्च इस्टैब्लिशमेंट) द्वारा विकसित 110 kN के इंजन से उड़ान भरनी है। इसके अलावा एक और ज्यादा पावरफुल 120 kN इंजन की योजना भी बनाई जा रही है, जिसमें रोल्स-रॉयस, सफरान और जनरल इलेक्ट्रिक जैसी कंपनियों से साझेदारी पर बातचीत चल रही है।
AMCA Mk2 में ये उन्नत तकनीकें देखने को मिलेंगी
- एडाप्टिव साइकिल इंजन,
- लंबी दूरी तक उड़ान भरने की क्षमता,
- बेहतर ताप नियंत्रण,
- हाई स्पीड एक्सीलरेशन,
- लेजर जैसे डायरेक्टेड एनर्जी वेपन्स को ऑपरेट करने की शक्ति।
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि AMCA प्रोजेक्ट भारत की वायु शक्ति को नई ऊंचाई देगा और देश को रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ी उपलब्धि साबित होगा।