घायल अवस्था में भी दुश्मन पर बरसे सब इंस्पेक्टर वेद व्यास

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बीबीएन, नेटवर्क, 9 जून। सीमा पर जब दुश्मन ने बम बरसाए, तो एक भारतीय सिपाही ने जान की परवाह किए बिना मैदान नहीं छोड़ा। गोलियों की बौछार, साथियों की शहादत और शरीर से बहता खून—इन सबके बावजूद बीएसएफ के सब इंस्पेक्टर वेद व्यास ने दुश्मन के मंसूबे नाकाम कर दिए। ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के दौरान उनकी चौकी पर पाकिस्तानी सेना ने रॉकेट लॉन्चर और ड्रोन से हमला किया।
हिमाचल प्रदेश निवासी सब इंस्पेक्टर वेद व्यास उस समय आरएसपुरा सेक्टर की अग्रिम चौकी पर तैनात थे। अचानक पाकिस्तान की ओर से भारी गोलाबारी शुरू हुई। चौकी पर तैनात सब इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तेयाज और कांस्टेबल दीपक बलिदान शहीद हो गए। सामने अपने साथियों को बलिदान होते देखने के बाद भी वेद व्यास डटे रहे। उन्होंने एलएमजी से पाकिस्तानी पोस्ट पर फायरिंग जारी रखी और आसमान में उड़ रहे दुश्मन के ड्रोन को भी निशाना बना गिरा दिया।
इस बीच वह खुद भी गंभीर रूप से घायल हो गए और बेहोश होकर ज़मीन पर गिर पड़े। जब उन्हें होश आया, तब वह अस्पताल में थे और उनकी एक टांग कट चुकी थी। ऑपरेशन को एक महीना पूरा होने के बाद वेद व्यास को अस्पताल से छुट्टी मिली। फ्रंटियर मुख्यालय पलौड़ा पहुंचने पर उन्होंने अधिकारियों से पहली बात यही कही—“मैं फिर से पोस्ट पर जाना चाहता हूं।”
बीएसएफ के डीआईजी प्रभाकर जोशी ने बताया कि “ऐसे वीर सिपाही हमारी सरहद की असली ताकत हैं। वेद व्यास ने जो साहस दिखाया, वो मिसाल है।” छह महीने बाद सेवानिवृत्त होने जा रहे वेद व्यास अब एक टांग से ज़रूर जूझ रहे हैं, लेकिन उनके इरादे आज भी दुश्मन के दिल में डर पैदा करने वाले हैं। देश को ऐसे ही जांबाज़ों पर गर्व है, जो जान की बाज़ी लगाकर तिरंगे की शान बनाए रखते हैं।
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